Thursday, September 17, 2009

दहेज या कि पति प्रताड्ना

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5797169.html


सैफनी (रामपुर) : दहेज के चलते महिला की हत्या कर दी गई। महिला के पिता ने पति समेत नौ ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पति का कहना है कि महिला के गुर्दे खराब थे जिसके चलते उसकी मौत हुई।

कस्बे के मुहल्ला भूड़ा निवासी गुलाम मोहम्मद की शादी 15 साल पहले बदायूं के थाना धनारी के गांव ककरौल निवासी गुलाम बख्श की पुत्री फरमीन से हुई थी। कल शाम फरमीन की मौत हो गई। सूचना पर गुलाम बख्श वहां पहुंच गया। उसने चौकी में पुत्री की दहेज हत्या के लिए तहरीर दी। पुलिस ने पति गुलाम मोहम्मद, ससुर नोशे अली, सास शफीकन, देवर आरिफ, साबिर व जान शरीफ, जेठानी बिलकीस, देवरानी गुड़िया, ननद शबनम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

उधर पति का कहना है कि पत्‍‌नी के गुर्दे खराब हो गए थे। उसका उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान उसकी मौत हुई। दहेज हत्या का आरोप निराधार है क्योंकि ससुराल पक्ष के लोग पत्‍‌नी से जेवर ले गए थे जिसकी 12 सितंबर को पत्‍‌नी ने एसपी के यहां शिकायत की थी। शिकायत जांच हेतु चौकी आ चुकी है। चौकी प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा।

Friday, August 21, 2009

पत्नी प्रताड़ना से तंग आकर इंजिनियर ने ज़हर खाया

आज की ख़बर दिल दहलाने वाली है की किस प्रकार झूठे प्रकरण में फ़साये जाने से पुरूष और उनके परिवार प्रताड़ना का शिकार हैं। यह ख़बर कानपुर की है परन्तु इस प्रकार की परेशानी देश भर के पुरूषों और उनके परिवार वालों को झेलनी पड़ रही है.

इंजीनियर ने थाने में जहर खाया

कानपुर, प्रतिनधि : न मैं रहूंगा न तुम देहज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा पाओगी। यह कहते हुए पत्नी द्वारा दहेज उत्पीड़न के मामले में फंसाये जाने की लगातार धमकियों से परेशान एक इंजीनियर ने डीआईजी कार्यालय में शिकायत करने के बाद पनकी थाने में जाकर जहर खा लिया। बी-ब्लाक पनकी निवासी इंजीनियर टीएन श्रीवास्तव का 28 वर्षीय पुत्र अभिषेक साफ्टवेयर इंजीनियर है। मां विजय लक्ष्मी ने बताया कि अभिषेक का विवाह डेढ़ साल पहले आवासविकास, कल्याणपुर निवासी आर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारी की पुत्री पल्लवी से हुआ था। शादी के बाद से ही पल्लवी अलग रहने की जिद करने लगी। विरोध पर पंद्रह लाख रुपये नाम करने की बात कहती और न मानने पर दहेज उत्पीड़न के मामले में फंसाने की धमकी देती। वह पिछले छह माह से मायके में रह रही है। दो दिन पहले बहन नेहा के साथ घर आयी और जल्द मांग न पूरी होने पर पनकी थाने में तहरीर देने की बात कही। गुरुवार को अभिषेक को फोन पर धमकी दी जिस पर उसने पहले डीआईजी कार्यालय जा कर उनसे पूरी कहानी बतायी और फिर थाने में ही जहरीला पदार्थ खा लिया। इस पर थाने में हड़कंप मच गया। आनन-फानन पहले उसे ब्रिज अस्पताल, फिर हालत बिगड़ने पर कानपुर मेडिकल सेंटर भेजा गया। पनकी एसओ राजेश द्विवेदी ने कहा कि अभिषेक ने थाने में जहर नहीं खाया, कहीं और से खाकर आया था।

Monday, August 17, 2009

प्रताडि़त पतियों ने अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया

देश भर से शिमला में आए हुए प्रताडित पुरुषों ने अन्याय और प्रताड़ना के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. नीचे पढिये।

प्रताडि़त पतियों का शिमला घोषणापत्र

शिमला, 16 अगस्त (जासं) : पत्नियों के सताए पतियों ने प्रण लिया है कि अब वे किसी भी पुरुष को प्रताडि़त नहीं होने देंगे। सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन के बैनर तले एकजुट हुए प्रताडि़त पतियों ने शिमला घोषणापत्र जारी किया है। मांग की है कि पत्नी द्वारा पति की प्रताड़ना रोकने के लिए अलग से पुरुष कल्याण मंत्रालय खोला जाए। उल्लेखनीय है कि पत्नी द्वारा कानून की धाराओं का दुरुपयोग कर जो जुल्म पति और उसके परिजनों के साथ किए जाते हैं, उससे कई हंसते-खेलते परिवार खत्म हो गए हैं। पतियों के साथ हो रहे अन्याय पर चर्चा के लिए शिमला में देशभर से लोग जुटे थे। दो दिन की चर्चा के बाद उक्त घोषणा पत्र जारी किया गया है। इसमें मांग की गई है कि पत्नियों द्वारा दहेज उत्पीड़न के नाम पर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने और घरेलू हिंसा के मामलों के तहत दर्ज होने वाले मुकदमों को जमानती बनाया जाए। इसके लिए एक राष्ट्रस्तरीय कमेटी का गठन भी किया जाए। क्योंकि पतियों और उनके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के 98 फीसदी मामले झूठे पाए गए हैं। घोषणा पत्र में महिलाओं की तर्ज पर राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की भी मांग की गई है। स्वतंत्रता दिवस पर फाउंडेशन द्वारा आयोजित सेव इंडियन फेमिली के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में संस्था के 21 राज्यों से करीब 150 प्रतिनिधियों ने दो दिन चर्चा की। कानून की किन धाराओं का लाभ उठा कर पत्नियां पतियों को प्रताडि़त करती हैं उन पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो के 2006 के आंकड़ों के मुताबिक देश में 100 में से आत्महत्या करने वाले 63 पुरुषों में से 45 फीसदी शादीशुदा होते हैं। जबकि 100 में से 37 महिलाएं आत्महत्या करती हैं। इनमें से मात्र 25 फीसदी ही शादीशुदा होती हैं। महिलाएं आत्महत्या करें तो उसे दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा कहा जाता है। लेकिन जब पुरुष आत्महत्या करे तो कारण तनाव व अन्य बताए जाते हैं।

Friday, August 14, 2009

पुरूष हों जाएँ सावधान

भारतीय मर्दों को भी नीचे की खबर पढ़कर सावधान हो जाना चाहिए। हालान्किन ऐसे झूठे मामले भारत में अधिक देखने को नहीं मिलते। पर सेक्सुअल हरास्स्मेंट क़ानून जो कि अभी संसद में बनाया जा रहा है, यदि जूठी शिकायत करने पर महिला को सज़ा का प्रावधान नहीं रखा गया, तो क़ानून का दुरुपयोग सम्भव है।

सेक्स को उकसा कर करती थी वसूली, पकड़ी गई

Sunday, August 9, 2009

जबरन दहेज देने वाले लड़की के मां-बाप पर मुकदमा

हाल की ताज़ा ख़बर नीचे दी गई है। इसके अनुसार दहेज़ देने से मन करने पर भी लड़की के मान-बाप ने लड़के के परिवार वालों को दहेज़ दिया। इससे स्पष्ट होता है की विवाह समय पर उपहार देना एक सामजिक प्रथा है। परन्तु यदि ज़बरदस्ती से लिया जाए तो उससे दहेज़ ही कहना पड़ेगा। परन्तु यहाँ तो उल्टा ही है। लड़के के अनुसार दहेज़ नहीं माँगा गया फिर भी दिया गया। अब इससे पढ़कर समझ नहीं आता की हसें या रोएँ।

जबरन दहेज देने वाले लड़की के मां-बाप पर मुकदमा

Wednesday, August 5, 2009

परिवार कल्याण न की सिर्फ पत्नी कल्याण

http://www.youtube.com/watch?v=LM-gByQtOho

ऊपर विडियो में बहुत अच्चे प्रकार से बताया गया है की कैसे पुर्वभूत परिवार कल्याण मंत्रालय को बाद में महिला और बाल कल्याण मंत्रालय में बदला गया। बजाये इसके की पूरे परिवार की चिंता और रक्षा की जाए, कैसे सिर्फ परिवार में रहनी वाली पत्नी की चिंता की जा रही है। यह भारत की परिवार परम्परा और संस्था से घोर विश्वासघात है और इसे तुंरत बंद किया जाना चाहिए। पुनः परिवार कल्याण मंत्रालय बनाया जाना चाहिए जिससे पूरे परिवार की सुरक्षा और विकास हो सके।

Monday, August 3, 2009

क़ानून के दुरुपयोग से पीड़ित पति

आजकल भारत में झूठे मामले में पतियों को पत्नियों द्वारा फ़साना आम बात हो गयी है । यदि किसी पत्नी को पति को काबू में रखना है और पति काबू में आने से मना कर दे तो 498A और DV जैसे क़ानून पत्नियों की सहायता करने के लिए तत्पर हैं। यदि पत्नी को पति का अपने माँ बाप की सहायता करना अच्छा नहीं लगता तो भी वह इन क़ानून की आड़ लेकर पति तो फसा सकती है। नवभारत टाईम्स ने हाल में क़ानून के ऐसे दुरुपयोग पर बहुत अच्छी रिपोर्ट पेश की है। नीजे पढ़ें:

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4851658.cms
 
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